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योगी से परेशान महिला हेल्पलाइन की महिलाओं ने अखिलेश यादव से लगाई गुहार

लखनऊ – भाजपा की डबल इंजन की सरकार बड़े-बड़े वादे करना तो जानती है लेकिन उन्हें कभी निभाती नहीं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ,महिलओं पर अत्याचार अबकी बार भाजपा सरकार जैसे नारे लगाकर सत्ता में आई भाजपा सरकार महीलाओ पर जुल्म पर जुल्म कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में कई बार कहा कि कोरोना वायरस के चलते किसी को भी नौकरी से नहीं निकाला जाएगा लेकिन उनकी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसे उलट 181 महिला हेल्पलाइन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। महिलओं पर हो रहे अत्याचारों से भाजपा सरकार पर एक ही नारा फिट बैठता हैं कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ फिर अगर उनकी नौकरी लगी हो तो नौकरी से हटाओं।

भाजपा सरकार से परेशान महिला हेल्प लाइन कर्मचारियों ने शनिवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से गुहार लगाई कि उन्हें लगभग एक साल का बकाया वेतन भुगतान कराने में मदद करें। महिला सुरक्षा मामले में सरकार पर गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार हेल्पलाइन से जुडी महिलाओं को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है।

एक साल से नहीं मिला वेतन

महिला हेल्प लाइन में काम करने वाले करने वाली महिला कर्मचारियों को एक साल से भी ज्यादा अवधि से वेतन नहीं मिला है। सात महीने का वेतन अटकने पर पीडित महिलाओं ने जनवरी में प्रदर्शन किया था इसके बाद कोरोना की वजह से भुगतान नहीं हो सका। 17 जुलाई को महिला कर्मियों की मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई इसके बाद वेतन भुगतान कराने के लिए सरकार ने आदेश भी जारी किया। शनिवार को समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यालय पर पहुंची पीडिताओं ने बताया कि लगभग 14 महीने से उन लोगों को वेतन नहीं मिला है।

181 महिला महिला लाइन की शुरुआत 2016 में हुई थी

महिला हेल्प लाइन का संचालन निजी संस्था जीवीकेआरआई करती है। इसकी शुरुआत आठ मार्च 2016 को अखिलेश सरकार के दौरान हुई थी। इस सेवा के तहत 181 हेल्पलाइन पर जो भी महिलाएं किसी उत्पीडन की शिकायत करती हैं उनकी शिकायत का निपटारा स्थानीय प्रशासन व पुलिस के सहयोग से हेल्पलाइन कर्मी कराते रहे हैं। हर महीने दस हजार तक महिलाएं इस हेल्पलाइन पर अपनी परेशानियां बताती हैं। जुलाई महीने में मुख्यमंत्री से मुलाकात होने के बाद वेतन मिलने की उम्मीद बंधी थी लेकिन अब तक पूरी नहीं हुई है। यही इतना नहीं सरकार अब आगे इस सेवा को शुरू भी नहीं रखना चाहती है ऐसे में सभी महिलाओं के सामने आजीविका का संकट खडा हो गया है।

अखिलेश यादव ने किया महिला हेल्प लाइन कर्मियों का समर्थन

महिला हेल्प लाइन कर्मियों की समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात तो नहीं हो
पाई लेकिन जानकारी मिलने पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर महिला कर्मियों का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार महिला सुरक्षा
के विषय पर बेहद गैरजिम्मेदाराना रवैया अपना रही है। इसलिए
सपा सरकार की 1090 जैसी योजनाओं को खत्म कर दिया और 181 जैसी
सेवाओं को खत्म करने जा रही है। 1818 से जुडी महिला कर्मचारियों को
वेतन न देकर वह उन्हें आत्महत्या पर मजबूर कर रही है।

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