आजम खां
आज़म खान एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और भारत के उत्तर प्रदेश में उनकी खासी पकड़ हैं आजम खान समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक है वह 9 बार विधायक रहे हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में 5 बार मंत्री भी रहे हैं और बर्तमान में रामपुर लोकसभा से सांसद हैं
आजम खां का जन्म
आजम खान का जन्म 14 अगस्त 1948 को उत्तर प्रदेश के मोहल्ला घायर मीर बाज खान रामपुर में हुआ था। इनकी उम्र 72 वर्ष है। इनके माता-पिता मुमताज खान हैं। आजम खान ने 1981 में ताजीन फात्मा से शादी की और इनके दो पुत्र अदीब खान और अब्दुल्लाह खान हैं।
आजम खां का राजनीतिक जीवन
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत करने बाले आज़म खान ने 1976 में जनता पार्टी ज्वॉइन की। इसके बाद जनता पार्टी में ही रहकर जिला स्तर की राजनीति की । बाद में लोकदल से जुड़ गए, मगर कुछ ही महीनों बाद पुन: जनता दल में आ गए।
सक्रिय राजनीति में उतरने के 5 सालों के अंदर ही आजम खान विधानसभा में पहुंच गए. 1980 में उन्होंने रामपुर सीट से जनता पार्टी (सेकुलर) के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. इस बीच जनता पार्टी में बिखराव का सिलसिला जारी रहा, लेकिन आजम खान की जीत का सिलसिला नहीं रुका. 1985 में वह लोकदल के टिकट पर, 1989 में जनता दल के टिकट पर और 1991 में जनता पार्टी के टिकटपर चुनाव जीतते रहे. 1992 में नेताजी मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी का गठन किया तो आजम खान इस पार्टी में शामिल हो गए 1993 में हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में आजम खान सपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतर जीत दर्ज करने में सफल रहे.
राज्यसभा | 1980, 1985, 1989, 1991, 2002, 2007 और 2012 |
लोकसभा | |
विधानसभा | |
यूपी सरकार में मंत्री | |
- 1981-82 में संसदीय अनुसंधान, संदर्भ और राज्य विधानसभा की अध्ययन समिति के सदस्य भी रहे।
- 1984-85 में राज्य विधानसभा के प्रत्यायोजित विधान समिति के सदस्य रहे।
आजम खां की व्यक्तिगत जीवन
नाम | आजम खां |
जन्म | 14 अगस्त 1948 |
उम्र | 72 वर्ष |
पिता | मुमताज खान |
पत्नी | ताजीन फात्मा |
बच्चे | पुत्र :- अदीब खान और अब्दुल्लाह खान |
लम्बाई (लगभग) | 5 ‘7 |
वजन | 75 किग्रा |
2009 के 15वें लोकसभा चुनाव में सपा की उम्मीदवार जयाप्रदा के खिलाफ खड़े हुए और हार गए। 17 मई 2009 को उन्होंने पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। 4 दिसंबर 2010 को पार्टी ने उनका निष्कासन रद्द करते हुए उन्हें पार्टी में वापस बुला लिया। 2012 में अखिलेश यादव सरकार में वे कैबिनेट मंत्री बने।