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राजा भैया के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस तो हाईकोर्ट ने योगी सरकार से पूछा..

राजा भैया के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस

उत्तर प्रदेश की तानाशाह योगी सरकार किसी को अपराधी बना देती है तो किसी को अभयदान दे देती है। बस योगी महाराज अपनी दिव्य दृष्टि से यह देख ले कि किस पर मुकदमे ठोकने से और किस पर मुकदमे हटाने से चुनाव में लाभ लिया जा सकता हैं। योगी महाराज ने दिव्य दृष्टि से यह जान लिया हैं कि राजा भैया ही उनकी चुनावी नैया पार लगा सकते हैं तो योगी महाराज ने तुरन्त आदेश दिया कि हमारे भक्त रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे तत्काल वापस ले लिए जाये।

जिसको लेकर यूपी की योगी सरकार अब कई तरह के सवालों के घेरे में आ गई है दरअसल राजा भैया पर योगी सरकार इतनी मेहरबान कैसे हो गई कि उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे ही जड़ से खत्म कर दिए?। क्या यह चुनाव से पहले की तैयारी तो नहीं?

चूंकि विधानसभा चुनाव 2022 में होने वाले हैं ऐसा कहा जा रहा है कि राजा भैया के खिलाफ दर्ज मुकदमों को सरकार ने चुनाव के दरमियान वापस ले लिए हैं ताकि चुनावी बिसात बिछाई जा सके हैं।

योगी सरकार के फैसले पर हाइकोर्ट को आपत्ती

राजा भैया के खिलाफ दर्ज मुकदमों को राज्य सरकार के वापस लेने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आपत्ति जताई है। साथ ही योगी सरकार से जवाब मांगा है किन कारणों से उनके मुकदमें हटाए गए हैं। इतना ही कोर्ट ने यह तक कहा है कि अगर संतोषजनक कारण सामने नहीं आए तो अदालत खुद इस मामलो को संज्ञान में लेकर सरकारी कार्यवाही करेगी।

न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भण्डारी व न्यायमूर्ति मनीष कुमार
की पीठ ने यह आदेश शिव प्रकाश मिश्र सेनानी की याचिका पर दिया है।

याचिका में उठाए गए मुद्दे पर अदालत ने कहा कि अगर आरोपी
रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमें सरकार के इशारे
पर वापस लिए गए हैं तो इसका कारण स्पष्ट किया जाए, अदालत ने
इस बिन्दु पर भी कहा कि अगर संतोषजनक कारण नहीं बताया जाता है
तो अदालत इसका भी स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रकरण का परीक्षण करेगी,
अदालत ने कहा कि आपराधिक मामलों को नरमी के साथ वापस लिए
जाने के मामले का परीक्षण किए जाने की जरूरत है। साथ ही कोर्ट ने
साफ रुख करते हुए कहा कि जवाब असंतोषजनक होने पर अदालत अवमाना का संज्ञान लेगी।

ये जनता हैं साहव सब जानती हैं

वैसे योगी सरकार के लिए  मुकदमे वापस लेना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी योगी सरकार अपने हितेसियो के ऊपर लगे मुकदमे वापस ले चुकी हैं। जिस भाजपा सरकार में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपने ऊपर लगे मुकदमे वापस ले सकते हैं तो अपने हितेशियो के मुकदमे वापस लेना उनके बाएं हाथ का काम है। अब यह साफ हो गया है कि योगी सरकार अपनी सुविधा के अनुसार किसी पर भी मुकदमा ठोक सकती है और किसी के ऊपर लगे मुकदमे वापस भी ले सकती हैं। योगी महाराज को यह नहीं मालूम है कि जनता सब जानती है।

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