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CM से PM तक जिन्होंने भारत को चीन निर्भर बनाया,अब वो आत्मनिर्भर भारत बना रहे..

भारत चीन सीमा पर तनातनी के बाद देखा जा रहा है कि भारत में चीनी सामान के बहिष्कार को लेकर लगातार आवाज उठ रही है। अभी हाल ही में सरकार ने टिक टॉक जैसी कुछ चीनी ऐप को भी बैन कर दिया है।

पहले चीन निर्भर बनया अब आत्मनिर्भर भारत बना रहे

लेकिन क्या आप जानते हैं जो आज आपसे आत्मनिर्भर होने की बात कर रहे हैं उन्होंने ही भारत को सबसे ज्यादा चीन निर्भर बनाया हैं। भाजपा सरकार का हमेशा से चीन से गहरा रिश्ता रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तभी से उनका और चीन का गहरा संबंध रहा है। नरेंद्र मोदी जी ने जितनी मदद चीन से मांगी उतनी मदद आज तक किसी मुख्यमंत्री ने नहीं मांगी जिसका नतीजा यह हुआ चीनी निवेश का सबसे बड़ा राज्य गुजरात बन गया। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो चीन उन्हें स्पेशल तौर पर अपने यहां बुलाया करता था यही कारण था कि जब नरेंद्र मोदी भारत प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बुलाया और उनके साथ खूब झूला झूला आज भी चीनी कंपनियों के भारत में सबसे ज्यादा ऑफिस अहमदाबाद में ही स्थित हैं।

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भारत में निवेश के मामले में चीन टॉप 10 देशों में शामिल

चीन का भारत में निवेश सन 2011 में काफी कम था। चीन भारत में निवेश करने के मामले
में सन 2011 में 35 वें स्थान पर था और सन 2014 में 28 वें स्थान पर आ गया लेकिन 2014
के बाद अभी तक इसका कोई नया डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया है लेकिन संभावना है
कि चीन भारत में निवेश के मामले में टॉप 10 देशों में शामिल होगा।

गुजरात के नागपुर में मेट्रो के निर्माण के लिए जो ठेका दिया गया वह चीनी कंपनियों
को दिया गया था यही नहीं सरदार पटेल जी की मूर्ति भी चाइना की कंपनी ने ही
बनाई है जिसका अनावरण खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी किया था।

आत्मनिर्भर भारत बनेगा भारत ?

आज की स्थिति यह है कि FICCI की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑटोमोबाइल सेक्टर में
चीन का निवेश भारत में 40% के आसपास हो गया है। ऑटोमोबाइल में भारत का मार्केट
चीन शरणम गच्छामि होने जा रहा है इसका संकेत MG हेक्टर की बढ़ती बुकिंग से मिल
जाता है जो एक मूलत: चीनी कंपनी है इतना ही नहीं इस चीनी कंपनी कि ज्यादातर
फैक्ट्रियां गुजरात में ही लगी हुई है। इसके अलावा धातु उद्योग में चीन का निवेश
17% पावर सेक्टर में 7% कंस्ट्रक्शन ब रियल स्टेट में 5% और सेवाओं के सेक्टर में 4% है।

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यही नहीं इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में चीन द्वारा मौजूदा वक्त में प्लान इन्वेस्टमेंट कम से कम 26 मिलियन डॉलर है 1 बिलियन डॉलर का मतलब होता है 7655 करोड़ रूपया। चीन की कंपनियों ने अपना ज्यादातर पैसा भारतीय दवा टेक्नोलॉजी टेक स्टार्टअप कंपनियों में इन्वेस्ट किया हुआ है। करीबन 15 मिलियन डालर का निवेश चीन की कंपनियों की योजना में है चीन की कंपनियों ने स्नैपडील, ओला ,पेटीएम, बिग बास्केट, हाइक, स्विगी, जोमैटो जैसी कंपनियों में भारी-भरकम पैसा लगा रखा है।

अब आप भी सोचिए कि जिस देश का इतना बड़ा निवेश हो वह देश युद्ध करेगा इसकी उम्मीद बहुत कम है।

मोदी जी द्वारा किए गए मुख्यमंत्री कार्यकाल से लेकर प्रधानमंत्री कार्यकाल तक चीनी निवेश को मोदी समर्थक इसे मास्टर स्ट्रोक जरूर कह सकते हैं लेकिन मोदी जी हैं जो हमें आज कल आत्मनिर्भर बनने का ज्ञान दे रहे हैं लेकिन उन्हें नहीं पता है उनके मुख्यमंत्री रहे ही उन्होंने सबसे ज्यादा हमें चीन पर निर्भर कर दिया है।

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