चर्चित खबरें
आखिर.. शिवपाल सिंह यादव ने स्वीकार किया कि वह सपा के विधायक
लखनऊ :- प्रदेश की राजनीति में चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव के
बीच बढ़ती नजदीकियो से हलचल पैदा हो गई हैं । चाचा शिवपाल ने संदेश दिया कि वह
समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।
बता दें कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच में काफी समय से बातचीत बंद थी
लेकिन हाल के कुछ घटनाक्रम ऐसे हुए जिससे लग रहा है
कि चाचा-भतीजे में चली आ रही दूरियां अब खत्म होती दिख रही है।
शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव की मिटती दिख रही दूरियाँ।
यह घटनाक्रम बताता हैं कि चाचा-भतीजे धीरे-धीरे ही सही लेकिन नजदीक आते दिख रहे हैं।
समाजवादी फोटो फ्रेम डाउनलोड करे
- होली के मौके पर सैफई में अखिलेश-शिवपाल एक ही मंच पर मौजूद थे।
- अखिलेश ने मंच पर पिता मुलायम और चाचा शिवपाल के पैर छुए थे ।
- शिवपाल ने भी ने मुलायम सिंह यादव के साथ रामगोपाल यादव के पैर छूकर आर्शीवाद लिया था।
- अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका वापस ली।
- शिवपाल सिंह यादव ने एक पत्र लिखकर अखिलेश यादव का आभार जताया था।
- शिवपाल सिंह यादव ने प्रसपा के समस्त प्रवक्ता व पैनजिस्ट का मनोनयन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया।
- अब जाकर सपा विधायक के तौर पर चाचा शिवपाल ने लिखा एक और पत्र जारी किया हैं।
शिवपाल सिंह यादव ने माना वह सपा के विधायक मिला एक और सबूत
शिवपाल यादव ने भी मान लिया है कि वो अब भी सपा के विधायक है। इसका एक और
सबूत तब मिला जब शिवपाल यादव ने कल बतौर सपा के विधायक के तौर पर एक पत्र लिखा
जब से चाचा शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बनाई थी तभी से बो बतौर प्रगतिशील
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष के तौर पर पत्र जारी किया करते थे लेकिन उन्होंने इस बार विधायक के
तौर पर एक पत्र जारी किया हैं।
लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद अब समय आ गया है कि चीन को मुंहतोड़ जवाब मिले और उसे ना केवल सामरिक बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी माकूल जवाब दिया जाए। मैं आप सभी साथियों से आह्वान करता हूं कि चीनी उत्पाद के बहिष्कार को लेकर जन जागरण में अपना योगदान दें। pic.twitter.com/OHHEFDwtP5
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) June 18, 2020
दरअसल चीन के मुद्दे पर शिवपाल ने एक लेटर लिखा है और कहा है कि लद्दाख की गलवान घाटी
में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद अब समय आ गया है कि चीन को मुंहतोड़ जवाब मिले
और उसे ना केवल सामरिक बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी माकूल जवाब दिया जाए।
मैं आप सभी साथियों से आह्वान करता हूं कि चीनी उत्पाद के बहिष्कार को लेकर जन जागरण में अपना योगदान दें।