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लॉकडाउन में अखिलेश यादव के लैपटॉप बने रोजी-रोटी कमाने का जरिया
- लखनऊ :- देश में कोरोना वायरस की महामारी के चलते देश में हुए लॉकडाउन की वजह से लाखों लोगों की नौकरियां चली गई।
- पहले से ही बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
- ऐसे में अखिलेश यादव कि सरकार में दिये गये लैपटॉप आज भी काम आ रहे हैं।
सपा सरकार में वांटे गये थे लैपटॉप
- जब 2012 में समाजवादी पार्टी कि सरकार थी और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे
- तब उन्होंने लैपटॉप वितरण योजना शुरू की थी।
- इस योजना के तहत हाईस्कूल और इंटर उत्तीर्ण मेधावी छात्र-छात्राओं के लैपटॉप बांटे गए थे।
- इस योजना के तहत सीबीएससी, यूपी बोर्ड, मदरसा, आईसीसी और संस्कृत बोर्ड के उत्तीर्ण मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप मिले थे।
- अखिलेश यादव सार्वजनिक मंचों पर अपनी इस योजना को युवा हितैषी बताते रहे हैं।
लॉकडाउन में अखिलेश यादव के लैपटॉप बने रोजी-रोटी कमाने का जरिया
- समाजवादी पार्टी की सरकार में बांटे गए लैपटॉप से उन तमाम युवाओं को फायदा पहुंचा था ।
- जो तकनीक के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश कर रहे थे।
- कई युवाओं ने लैपटॉप की मदद से स्वरोजगार शुरू किया।
- जिससे उनकी आजीविका का इंतजाम हुआ।
- लॉकडाउन के समय में जब लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं।
- तब अखिलेश यादव सरकार में बांटे गए लैपटॉप युवाओं के काम आ रहे हैं।
- अखिलेश यादव ने एक ट्वीट के जरिए अपनी सरकार में शुरू हुई योजना और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की सराहना की है।
- उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है।
- सपा के समय मिला लैपटॉप जो आज भी आजीविका का साधन बन रहा है
- शुक्रिया सपा के समर्थक-कार्यकर्ता का जिन्होंने ये वीडियो शेयर किया
- आशा है प्रदेश के अन्य स्थानों से भी सपा के कामों के ऐसे वीडियो और फ़ोटो आते रहेंगे
सपा के समय मिला लैपटॉप जो आज भी आजीविका का साधन बन रहा है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 14, 2020
शुक्रिया सपा के समर्थक-कार्यकर्ता का जिन्होंने ये वीडियो शेयर किया.
आशा है प्रदेश के अन्य स्थानों से भी सपा के कामों के ऐसे वीडियो और फ़ोटो आते रहेंगे. pic.twitter.com/4g2PuTpXob
- आपको बता दें की अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में लगभग 1.5 खरब रुपए से ज्यादा के लैपटॉप बाटें थे।
- तब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कई बार लैपटॉप योजना का मजाक भी बनाया था।
- लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता लगातार इस योजना के माध्यम से युवाओं को अपने साथ जोड़ दे रहे हैं।