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मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते नेपाल दिखाने लगा आंख :– अखिलेश यादव
लखनऊ :- समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है
कि हमारा देश भारत एक ओर कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो दूसरी ओर सीमाओं पर भी तनाव से संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
मोदी सरकार इन दिनों पूर्णतया असहाय दिख रही है। चूंकि भाजपा सरकार एकाधिकारी फैसले लेती है।
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सीमा क्षेत्र में एक महीने से चीनी सेनाओं द्वारा अतिक्रमण भारत की संप्रभुता पर चोट है।
चीन विस्तारवादी नीतियों पर चल रहा है। भारत की प्रगति से उसे जलन है।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के अलावा अक्साईचिन पर भी चीन की निगाह है।
इधर चीन ने भारत के प्रति जो आक्रामक रवैया अपनाया है उसमें एक मुख्य कारण व्यापार भी है।
नेपाल दिखाने लगा आंख नेपाल बार्डर पर अंधा-धुंध फायरिंग
भारत और नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस की ओर से अंधा-धुंध फायरिंग में एक भारतीय नागरिक की मौत और 3 के गम्भीर घायल होने की खबर है।
मृत शख्स अपने खेत में काम कर रहा था। सीतामढ़ी के लालबंदी बार्डर के पास नेपाल सशस्त्र पुलिस के जवानों की इस हरकत को समझना चाहिए।
नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट भारत के खिलाफ नफरत और विरोध पैदा करने में लगे हैं।
वहां के प्रधानमंत्री तो संसद में एक नक्शा पास कराने के लिए ले आए हैं
जिसमें भारत के तीन इलाकों लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को नेपाल का हिस्सा दिखाया जाना है।
इसके बाद से नेपाल तख्त तेवर दिखा रहा है।
विदेशनिति मामले पर फेल हो गई सरकार:- अखिलेश यादव
विदेशनीति के मोर्चे पर भारत सरकार की विफलता नज़र आने लगी है।
भारत सरकार की गलत नीतियों के चलते सीमाओं पर तनाव है।
नेपाल जैसा मित्र राष्ट्र भी अब भारत को आंख दिखाने लगा है।
भारत सरकार चीन-नेपाल के बदलते रवैये पर अब तक कड़ी प्रतिक्रिया देने से बचती दिखाई देती है।
भारत को अपने राष्ट्रीय हितों की दृष्टि से तत्काल कठोर कदम उठाने चाहिए।
समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया 1950 कहा था…
इस सम्बंध में समाजवादी नेता डाॅ0 राममनोहर लोहिया ने दिसम्बर 1950 में नागपुर में समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में स्पष्ट चेतावनी दी थी
कि हिमालयीन प्रदेशों के बारे में केवल तटस्थता या उदासीनता की नीति अपनाई जाएगी
तो सियासी रिक्ति प्रस्तुत होगी। डाॅ0 साहब ने ही पहली बार चीन की तिब्बत पर कुदृष्टि के मद्दे नज़र यह भविष्यवाणी भी की थी
कि अब हिमालय के हिन्दुस्तान का कुदरती संरक्षक न रहने का खतरा पैदा हुआ है।