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बदायूँ भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या से हाई कोर्ट ने तीन विन्दुओ पर मांगा जवाब ‘निरस्त होगा चुनाव’
प्रयागराज :- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बदायूं की भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर तीन वाद बिंदु तय किए है।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने तीनों बिंदुओं पर संघमित्रा से जवाब मांगा है।
- क्या भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या का नामांकन गलत तरीके से निर्वाचन अधिकारी ने स्वीकार किया है?
- क्यों दिनेश कुमार का नामांकन गलत तरीके से निरस्त किया गया है?
- .क्या डाले गए वोटों से अधिक की गिनती की गई है, जिससे चुनाव प्रभावित हो सकता है?
इसके साथ ही कोर्ट देखेगी कि क्या चुनाव शून्य और रदहोने योग्य है।
संघमित्रा के खिलाफ धर्मेंद्र यादव व दिनेश कुमार ने धांधली का आरोप लगाया है।
कहा गया कि उन्हें जिताने के लिए पड़े वोटों से अधिक की गिनती की गई है।
प्रशासन पर दबाव डालकर दूसरे प्रत्याशियों का नामांकन गलत तरीके से निरस्त कराया गया है।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 जून के लिए तय की है।
धर्मेंद्र यादव का कहना है कि चुनाव में 24 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था।
इसमें केवल नौ ही स्वीकृत किए गए। सभी नामांकन पत्र मनमाने तरीके से अस्वीकृत कर दिए गए।
चुनाव का परिणाम 25 मार्च, 2019 को घोषित हुआ। इसमें आठ हजार वोटों की गिनती अधिक की गई, जो चुनाव को प्रभावित कर सकती है।
इसके साथ ही कहा गया है कि विपक्षी सांसद संघमित्रा मौर्या की शादी नवल किशोर मौर्य के साथ हुई है।
उनके एक पुत्र भी है। चुनाव घोषणा पत्र में इस तथ्य को छिपाया गया है,
जो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों व चुनाव नियमों का उल्लंघन है। इस आधार पर इनका चुनाव निरस्त किया जाए।