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18 रुपये बाला पेट्रोल 71 रुपये में बेच रही मोदी सरकार, भारत में सबसे ज्यादा टैक्स
कोरोनावायरस ने आज पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले रखा है।
- जिसके चलते लाखों लोगों से अधिक की जान चली गई है।
- इतना ही नहीं इससे देश विदेश की अर्थव्यवस्था पर भी काफी बुरा असर पड़ा है।
- काम धंधे सब के सब चौपट पड़े हैं। बेरोजगारी अपनी अंतिम चरण पर है।
- इसका प्रभाव कच्चे तेल की कीमतों पर भी पड़ा हैं।
हालात यहां तक आ गए हैं कि पिछले दिनों अमेरिकी बाजार में इसकी फ्यूचर प्राइस नेगेटिव में चली गई थी ।- तब भी आपको दिल्ली के बाजार में पेट्रोल 71.26 रुपये प्रति लीटर तो वहीं डीजल 69.39 रुपये प्रति लीटर मिलता रहा।
- बता दें कि पिछली बार साल 2014 से 2016 के बीच कच्चे तेल के दाम तेजी से गिर रहे थे
- तो सरकार इसका फायदा आम लोगों को देने के बजाय एक्साइज ड्यूटी प्लस रोड सेस के रूप में अपनी आमदनी बढ़ाती रही।
- नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच केंद्र सरकार ने 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई और केवल एक बार राहत दी।
- ऐसा करके साल 2014-15 और 2018-19 के बीच केंद्र सरकार ने तेल पर टैक्स के जरिए 10 लाख करोड़ रुपये कमाए।
वहीं राज्य सरकारें भी इस बहती गंगा में हाथ धोने से नहीं चूकीं।- पेट्रोल-डीजल पर वैट ने उन्हें मालामाल कर दिया। साल 2014-15 में जहां वैट के रूप में 1.3 लाख करोड़ रुपये मिले
- तो वहीं 2017-18 में यह बढ़कर 1.8 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस बार भी जब कीमतें घटनी शुरू हुई तो केंद्र सरकार ने इस पर टैक्स को बढ़ा दिया हैं।
भारत सबसे ज्यादा टैक्स बसूलने बाला देश
- दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमत भले ही औंधेमुंह गिरीं हो,
- लेकिन भारत के लोगों को इसका फायदा नहीं मिलेगा।
- 18 रुपये बाला पेट्रोल 71 रुपये मिलेगा ये है भाजपा सरकार
- पेट्रोल और डीजल पर एक बार फिर से एक्साइज ड्यूटी में इजाफा होने के साथ ही
- भारत दुनिया में ईंधन पर सबसे ज्यादा टैक्स बसूलने वाला देश बन गया है।
- मंगलवार की रात को ही केंद्र सरकार ने डीजल पर 13 रुपये और पेट्रोल पर 10 रुपये की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया था।
- सरकार को इस कदम से 1.6 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने का अनुमान है।
- इससे पहले सोमवार को पेट्रोल और डीजल दोनों पर ही 8 रुपय़े प्रति लीटर का सेस जोड़ दिया गया था।
- इसके अलावा दिल्ली समेत कई राज्यों में भी पेट्रोल और डीजल पर वैट को बढ़ा दिया गया है।
- दरअसल डीलर तक पेट्रोल महज 18.28 रुपये प्रति लीटर की कीमत में आता है,
- लेकिन ग्राहको को फिलहाल 71 रुपये से ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं।
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18.28 रुपये लीटर वाले पेट्रोल पर 49.42 रुपये का टैक्स
- जब आप 18 रुपये बाला पेट्रोल 71 रुपये लीटर की दर से पेट्रोल खरीदते हैं
- तो सारा पैसा पेट्रोल कंपनियों को नहीं देते हैं.
- इसमें से आधा से ज्यादा पैसा तो टैक्स के रूप में केंद्र और राज्य को जाता है.
- देश की सबसे बड़ी ऑइल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑइल से मिली जानकारी के मुताबिक
- इस समय दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत एक्स फैक्ट्री कीमत या बेस प्राइस 17.96 रुपये है.
इसमें केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी के रूप में 32.98 रुपये, ढुलाई खर्च 32 पैसे, डीलर कमीशन 3.56 पैसे और राज्य सरकार का वैट 16.44 रुपये होता है. राज्य सरकार का वैट डीलर कमीशन पर भी लगता है।- कुल मिलाकर पेट्रोल की कीमत 71.26 रुपये हो जाती है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार का टैक्स 49.42 रुपये है।
- बता दें कि इस तरह के पेट्रोल-डीजल के बढ़ते टैक्स से आम आदमी पर इसका गहरा प्रभाव पड़ने वाला है
- क्योंकि कोरोना की बजह से अब बहुत से कंपनीयां बंद पड़ी है
- और आमदनी की आय के सारे साधन लगभग समाप्त हो चुके हैं।
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