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धर्मेंद्र यादव की पहली जीत,बदायूं की भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या पर चलेगा मुकदमा
प्रयागराज :- समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक श्री मुलायम सिंह यादव के
भतीजे श्री धर्मेंद्र यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव संबंधित याचिका दायर की है।
वहीं इसके खिलाफ भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य की प्रारंभिक आपत्तियों को शुक्रवार को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
धर्मेंद्र यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बदायूं संसदीय सीट से मौर्य के निर्वाचन को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने भाजपा सांसद मौर्य के वकील की तरफ से पेश की गई
दलील को निराधार बताते हुए सुनवाई की अगली तारीख 6 मई, 2020 को तय की है।
संघमित्रा मौर्या के वकील की दलील पूरी तरह से निराधार:- हाईकोर्ट
आपको विगत हैं
कि बंदायू से 2019 लोकसभा सीट से उम्मीदवार रहे सपा के धर्मेंद्र यादव को संघमित्रा मौर्य ने शिकस्त दी थी।
जिसके बाद यादव ने संघमित्रा के निर्वाचन को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की थी।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य की आपत्तियों को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा,
‘मेरे विचार से मौर्य के वकील की तरफ से पेश की गई दलील पूरी तरह से निराधार है,
कि धर्मेंद्र यादव द्वारा दायर की गई याचिका पर कार्रवाई का कोई आधार नहीं बनता।’
धर्मेंद्र यादव ने किया हैं चुनाव अवैध घोषित करने का अनुरोध
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा,
‘यह पूरी तरह से विधि द्वारा स्थापित है कि
यदि चुनाव याचिका में तथ्यात्मक और स्पष्ट बयान का उल्लेख है
जिस पर वह चुनाव याचिका निर्भर है तो उन चीजों को दरकिनार नहीं किया जा सकता।’
धर्मेंद्र यादव ने मौजूदा चुनाव याचिका में अदालत से संघमित्रा मौर्य का चुनाव अवैध घोषित करने का अनुरोध किया है।
धर्मेंद्र यादव हाईकोर्ट में इस आधार पर दी हैं चुनाव निरस्त करने की चुनौती
याचिकाकर्ता धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव में 24 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था,
जिसमें से केवल नौ ही स्वीकृत किए गए।
16 नामांकन पत्र मनमाने तौर पर अस्वीकृत कर दिए गए।
25 मार्च 2019 को चुनाव परिणाम घोषित हुआ। याची का यह भी कहना है
8000 वोटों की अधिक गिनती की गई है, जो चुनाव को प्रभावित कर सकती है।
उन्होंने कहा कि सांसद संघमित्रा मौर्य की शादी नवल किशोर मौर्या के साथ हुई है।
उनके एक पुत्र भी हैं. चुनाव घोषणा पत्र में इस तथ्य की जानकारी छिपाई गई है,
जो सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों एवं चुनाव नियमों का उल्लंघन है।
इस आधार पर इनका चुनाव निरस्त किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया है
कि एक प्रत्याशी दिनेश कुमार का नामांकन गलत तरीके से अस्वीकृत किया गया है।