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अखिलेश यादव ने सैनिक प्रकोष्ठ के साथ बनाई 2019 को जीतने की रणनीति।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां समाजवादी पार्टी के सैनिक प्रकोष्ठ को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत की फौज शौर्य और अदम्य साहस से ओतप्रोत है। फौज के अनुशासन पर सबसे ज्यादा भरोसा है। सैनिको ने देश सेवा में अपना जीवन न्योछावर कर रखा है। समाज में बड़ा बदलाव लाने में अवकाश प्राप्त फौजियों का योगदान भी अपेक्षित है। सन् 2019 में हो रहे चुनावों में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। नया प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश का होगा।
इस अवसर पर सर्वश्री राजेन्द्र चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, कर्नल सत्यवीर सिंह यादव, एस.आर.एस.यादव, अरविन्द कुमार सिंह तथा जावेद आब्दी मौजूद थे।
श्री यादव ने कहा कि मूल्य और आदर्श राजनीति का आधार हैं। किन्तु भाजपा ने राजनीति के चरित्र को बदल दिया है। जातियों और संप्रदायों के बीच भाजपा नफरत फैलाने को अपना राजनीतिक हथियार मानती है। भाजपा कारपोरेट समाज के हितों का संरक्षण करती है। उसके राज में धन-सम्पति का 73 प्रतिशत 01 प्रतिशत पूंजी घरानों के पास है जबकि 99 प्रतिशत के पास मात्र 27 प्रतिशत सम्पति है। समाज में विषमता फैलाने, आर्थिक असमानता को बढ़ाने और सामाजिक भेदभाव के विस्तार में भाजपा का विशेष योगदान रहा है। भाजपा इसे ही अपनी उपलब्धि मानती है।
पूर्व मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसान परेशान है। किसान मण्डियों की उपयोगिता नगण्य है। नौजवान बेकारी के शिकार हैं। सरकार मंहगाई बढ़ा रही है। डालर के मुकाबले रूपए की कीमत में भारी गिरावट दर्ज हुई है। जो न्याय मांगने लखनऊ आते हैं उन पर पुलिस लाठियां बरसाती है। नोटबंदी ने पूरी अर्थ व्यवस्था चैपट कर दी है। राज्य में बाढ़ से स्थिति गंभीर है पर इधर सरकार का ध्यान नहीं है। भाजपा सरकार किसी को आराम से नहीं रहने दे रही है। समाज में परेशानी पैदा करना भाजपा का एजेण्डा है।
पूर्व सैनिकों ने श्री अखिलेश यादव को भावात्मक रूप से अपने परिवार का जताते हुए कहा कि वे स्वयं भी सैनिक स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर चुके है उन्होंने कहा कि जबसे भाजपा सरकार बनी है प्रदेश में अपराध बढ़े हैं। अपराध लूट, डकैती, बलात्कार की घटनाएं रोज ही हो रही है। शिक्षित- प्रशिक्षित करोड़ो लोग बेरोजगारी के शिकार है।
सैनिक प्रकोष्ठ के तमाम पदाधिकारियों ने कहा कि जितना विकास श्री अखिलेश यादव ने किया उतना किसी भी अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री ने भी नहीं किया। पूर्व सैनिकों ने सन् 2019 के चुनावों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने और सांप्रदायिक भाजपा को करारी शिकस्त देने का संकल्प दुहराया। उन्होंने ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की।